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(Green Tea ke Fayde aur Nuksaan) ग्रीन टी के १० फायदे और नुकसान

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चाय भारत में सबसे अधिक पिये जाने वाले पेय पदार्थों में से एक है, और भिन्न भिन्न प्रकार के लोग भिन्न भिन्न प्रकार की चाय पीना पसंद करते हैं। हालाँकि इन भिन्न प्रकारों में करीबन 78% ब्लैक टी पी जाती है, और केवल 20 % ग्रीन टी पी जाती है। इनके अलावा और भी कई प्रकार की चाय पी जाती है जिनके बारे में भी हम संक्षेप में नीचे इस लेख में बताएंगे। इन सभी चाय में सबसे स्वास्थ्यवर्धक चाय माना जाता है, क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो शरीर पर काफी शक्तिशाली प्रभाव डालती है, जिसके कारण इसके बहुत सारे स्वास्थ्यलाभ (Green Tea ke Fayde) होते हैं। आइये जानते हैं इसके फायदे और यहाँ हम आपको बता दें कि इस पोषण से भरपूर चाय को यदि आप अधिक मात्रा में पिएंगे तो आपको इसके नुकसान भी हो सकते हैं। आइये पहले जानते हैं इसका इतिहास क्या है, कहाँ से इसकी उत्त्पत्ति हुई और इसकी क्या विशेषताएं होती हैं।

ग्रीन टी क्या है?

इसका उपयोग सबसे पहले भारत और चीन के लोग, इसके स्वास्थ्य लाभों के कारण किया करते थे। बाद में धीरे धीरे यह संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और बाकी देशों में भी इसके स्वास्थ्यलाभो (green tea pine ke fayde) के कारण लोकप्रिय हो गयी। इसको कैमेलिया सीनेन्सिस पत्तियों से बनाया जाता है, जो विघटन और ऑक्सीकरण की प्रक्रिया से गुजरती है। यह कई प्रकार की होती है जो उनके पैदावार, ग्रोइंग कंडीशंस, उत्पादन की प्रक्रिया और फसल के समय के आधार के अनुसार होती हैं। इसमें बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के कई पहलुओं में सुधार करते हैं।

EGCG (ईजीसीजी) इसमें उपस्थित सबसे शक्तिशाली यौगिकों में से एक है - जो कई बीमारियों का इलाज करता है और कई को होने से रोकता है। हालाँकि इसको पीने के कुछ नुकसान होते हैं परन्तु इसके फायदे इतने ज्यादा हैं कि इसके नुकसान उसके सामने कुछ भी नहीं हैं, यही कारण है कि बहुत से डॉक्टर भी ग्रीन टी पीने की सलाह देते हैं। इसके फायदों को जानने से पहले आइये जानते हैं कि इसमें क्या क्या पोषक तत्व होते हैं-

ग्रीन टी में उपस्थित पोषक तत्व

अगर कैलोरी की बात की जाये तो इसमें ज़ीरो कैलोरी होती है, यदि आप अपनी डाइट में कैलोरीज को लेकर सचेत रहते हैं तो यह आपके लिए काफी स्वाथ्यबर्धक पेय साबित हो सकती है। इसमें फ्लेवोनोल और कैचिन (एक प्रकार का पॉलीफेनॉल) होते हैं जो बहुत सारे लाभ प्रदान करते हैं। ग्रीन टी में उपस्थित कुछ केचिन इस प्रकार हैं-

  • एपिकैटेचिन
  • एपिगैलोकैटेचिन
  • गैलोकैटेचिन
  • गैलेट डेरिवेटिव्स

इसमे उपस्थित EGCG, जिसे एपिगालोकेटचिन -3-गैलेट भी कहा जाता है, इसको ग्रीन बनता है। इसको पीने के बहुत फायदे होते हैं जैसे यह मेटाबोलिज्म को कम करता है और हमारे शरीर के वजन को भी नियंत्रित रखता है।

इसके अलावा ग्रीन टी में उपस्थित कुछ अन्य पोषक तत्व इस प्रकार हैं-

  • क्वेरसेटिन (Quercetin)
  • लिनोलिक एसिड
  • एजिनेनिन (Aginenin)
  • मेथिलक्सैंथिन (कैफीन, थीओप्लाइन, और थियोब्रोमाइन)
  • कई एमिनो एसिड और एंजाइम (लगभग 20 प्रतिशत पत्तियां प्रोटीन द्वारा ली जाती हैं)
  • कार्बोहाइड्रेट (सेलूलोज़, पेक्टिन, ग्लूकोज, सुक्रोज, और फ्रक्टोज़)
  • मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, लौह, क्रोमियम, तांबा, और जस्ता जैसे खनिजों की ट्रेस मात्रा
  • कैरोटीनोइड की ट्रेस मात्रा
  • लैक्टोन और हाइड्रोकार्बन, एस्टर और अल्डेहाइडस (जिनमें से सभी अस्थिर यौगिक हैं)

ग्रीन टी के फायदे- (Green Tea Benefits in Hindi)

ग्रीन टी आज हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी बन चुकी (green tea benefits in hindi) है। यह विभिन्न लाभ प्रदान करती है, जिनमे से कुछ कुछ बहुत महत्वपूर्ण होते हैं जैसे- यह हृदय का स्वास्थ्य बनाये रखती है, वजन घटाने में मदद करती है, और कैंसर और मधुमेह (डायबिटीज) जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम में भी मदद करती है। ग्रीन टी अवसाद (डिप्रेशन) के लक्षणों में सुधार करने में भी मदद करती है (green tea peene ke fayde)। आइये जानते हैं इसके क्या क्या फायदे होते हैं-

1. ग्रीन टी पीने के फायदे से कैंसर रोकथाम में

नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, इसमें पॉलीफेनॉल होता है जो ट्यूमर वृद्धि को कम करने में मदद करता हैं और पराबैंगनी UV विकिरण के कारण होने वाली क्षति के खिलाफ सुरक्षा भी करता है। उन देशों में जहां ग्रीन टी अधिक पी जाती है, वहां कैंसर के होने की दर कम होती है, लेकिन यह तय करना असंभव है कि यह इसके कारण होता है या अन्य जीवनशैली कारक होते हैं जो कैंसर को रोकती है।

कुछ अध्ययनों ने निम्नलिखित प्रकार के कैंसर पर इसके सकारात्मक प्रभाव भी दिखाए हैं:

  • स्तन कैंसर
  • मूत्राशय का कैंसर
  • ओवेरियन कैंसर
  • कोलोरेक्टल (आंत्र) कैंसर
  • एसोफेजियल (गले का कैंसर)
  • फेफड़ों का कैंसर
  • प्रोस्टेट कैंसर
  • त्वचा का कैंसर
  • पेट का कैंसर

शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इसमें पॉलीफेनॉल का उच्च स्तर होता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करता है और उन्हें बढ़ने से रोकता है।

2. हृदय के लिए

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि ये मृत्यु दर को कम करती है और साथ ही कार्डियोवैस्कुलर बीमारी और इसके सभी कारणों को कम करने से जुड़ी होती है। यह एक खिफायटी फ़ायदा है ग्रीन टि पीने का (green tea pine ke fayde)। एक अध्ययन में बताया गया कि प्रति दिन कम से कम 5 कप ग्रीन टी पीने वाले लोगों की तुलना में न पीने वाले लोगों (विशेष रूप से कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से) को मरने का काफी ज्यादा जोखिम था। इसमें केचिन, पॉलीफेनोलिक यौगिक होते हैं जिन्हें विशेष रूप से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर कई सुरक्षात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रयोग किया जाता है।

3. कोलेस्ट्रॉल कम करने में

इसका उपभोग, पेय के रूप में या कैप्सूल रूप में, करने पर यह कुल LDL और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है।

4. स्ट्रोक्स

ग्रीन टी या कॉफी पीना स्ट्रोक के जोखिम को कम करने से जुड़ा होता है। एक अध्ययन में बताया गया कि यदि आप अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा परिवर्तन करके इसको अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो यह आपके स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

5. टाइप 2 डायबिटीज में

जापान में हुए एक अध्ययन के अनुसार जो लोग ग्रीन टी पीते हैं उनमे टाइप 2 डायबिटीज को विकसित करने का खतरा 42 % तक कम होता है। इस बीमारी में इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन उत्पन्न करने में असमर्थता के कारण हाई ब्लड शुगर का स्तर शामिल है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन टी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकती है और ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकती है।

6. वजन कम करने में

ग्रीन टी अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त वयस्कों में वजन घटाने को बढ़ावा दे सकती है; चूंकि यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाती है और कैलोरीज को बर्न करती है, जो वजन के घटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

7. त्वचा रोगों के लिए

अनेक अध्ययनों के अनुसार त्वचा विकारों जैसे सोरायसिस और डैंड्रफ के लिए एक नए उपचार के रूप में साबित हो सकती है । शोधकर्ताओं ने सूजन त्वचा रोगों के लिए जिनमे त्वचा कोशिकाओं की सूजन और अधिक उत्पादन के कारण सूखी, लाल, चमकदार त्वचा के पैच शामिल थे, एक मॉडल का अध्ययन किया। इसके साथ इलाज करने से इन त्वचा कोशिकाओं की धीमी वृद्धि का पता चला जो कोशिकाओं के जीवन चक्र को नियंत्रित करता है।

8. याददाश्त के लिए

ग्रीन टी हमारे मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्यों, विशेष रूप से कामकाजी स्मृति को बढ़ा सकती है। एक शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि ग्रीन टी न्यूरोसाइचिकटिक विकारों से जुड़ी संज्ञानात्मक हानि के इलाज में फायदा कर सकती है, जैसे डिमेंशिया ।

9. अल्जाइमर में

ग्रीन टी, अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा ग्रीन टी, डेंटल कैविटी, तनाव , पुरानी थकान , त्वचा की परिस्थितियों का इलाज, और सूजन को कम करके गठिया में सुधार करने में भी मददगार हो सकती है।

10. इम्युनिटी बढ़ाने में

ग्रीन टी में उपस्थित केचिन हमारी इम्युनिटी को बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह ऑक्सीडेंट्स और रेडिकल के खिलाफ सुरक्षा करती है, जिससे इम्युनिटी में वृद्धि होती है। इसमें ईजीसीजी (EGCG) में रेगुलेटरी T सेल्स की संख्या में वृद्धि करने की क्षमता होती है - और ये इम्युनिटी में सुधार करने और ऑटोम्यून्यून रोगों को दबाने में मदद करते हैं।

ग्रीन टी को पीने का सही तरीका और सही समय क्या है ?

इसके फायदों के बारे में तो आप जान ही चुके हैं परन्तु इसे यदि सही समय और सही तरीके से न पिया जाये तो इसके बहुत से नुकसान भी आपको उठाने पड़ सकते हैं आइये जानते हैं इन नुकसानों से बचने के लिए क्या कर सकते हैं और किस समय इसे पी सकते हैं-

  • इसको खाना खाने से 2-3 घंटे पहले पीना चाहिए।
  • कभी भी खाना खाने के बाद सेवन न करें।
  • खाली पेट न पियें।
  • दूध और चीनी न मिलायें।
  • शहद के साथ ज्यादा फायदा करती है तो इनको एक साथ पियें।

ग्रीन टी के नुकसान

यदि आप इसका बहुत अधिक मात्रा में पीते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। हालाँकि वयस्कों के लिए इसके दुष्प्रभाव या contraindications बहुत कम होते हैं, परन्तु बच्चों के लिए इसके दुष्प्रभाव ज्यादा हो सकते हैं।इसके कुछ दुष्प्रभाव और जोखिम इस प्रकार हैं-

कैफीन के प्रति संवेदनशीलता - कैफीन के प्रति गंभीर संवेदना वाले लोगों को अनिद्रा, चिंता , चिड़चिड़ाहट, जी मिचलाना, या पेट में परेशानी का अनुभव हो सकता है।

ब्लड थिनर्स - जो लोग ब्लड थिनर्स (एंटीकोगुलेटर दवाएं) जैसे कि कौमामिन / वार्फिनिन लेते हैं उन्हें विटामिन K की उपस्थिति के कारण ग्रीन टी पीते समय सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे लोगों को इसके साथ साथ एस्पिरिन से भी परहेज की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये दोनों प्लेटलेट्स की गठबंधन प्रभावशीलता को कम करते हैं।

अन्य उत्तेजक - अगर उत्तेजक दवाओं के साथ लिया जाता है, तो ब्लड प्रेशर और हृदय गति में वृद्धि कर सकती है।

पाचन तंत्र पर प्रभाव: इसमें भी कैफीन पाया जाता है, और ज्यादा पीने से आपके पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जिससे पाचन रस का बैलेंस बिगड़ सकता है और हमारा पेट खराब हो सकता है। एसिडिटी की समस्या वाले लोगों को नहीं पीनी चाहिए।

गर्भावस्था में ज्यादा न पियें ग्रीन टी: क्योंकि इसमें कैफीन होता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को दिन में 2 बार से अधिक ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए, इसका अधिक सेवन माँ और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा प्रभाव दाल सकता है

एनीमिया और मोतियाबिंद के रोगी न पियें ग्रीन टी: कैफीन के कारण एनीमिया और मोतियाबिंद वाले लोगों को नहीं पीनी चाहिए। अनीमिया के कारण हमारे ब्लड में हीमोग्लोबिन और आयरन की मात्रा कम हो जाती है, यदि पहले ही आयरन की कमी हो तो ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। इसका सेवन करने से मोतियाबिंद और बढ़ सकता है इसलिए भी मोतियाबिंद वाले रोगी ग्रीन टी न पियें।

वैसे तो पीने के बहुत सारे फायदे होते हैं फिर भी कुछ लोगों को यह थोड़ा नुकसान भी कर सकती है। विशेष रूप से, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, हृदय की समस्या वाले या हाई ब्लड प्रेशर, किडनी या लिवर की समस्या, पेट के अल्सर, या चिंता विकारों की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। और किसी भी जड़ी बूटी या पूरक आहार शुरू करने से पहले हमेशा एक डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। अधिक जानकारी या स्वास्थ्य से जुडी किसी भी प्रकार की समस्या के लिए आज ही क्रेडीहेल्थ मेडिकल एक्सपर्ट से मुफ्त में बात करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

ग्रीन टी कितने दिन पीना चाहिए?

सामान्य रूप से, आप दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पी सकते हैं। आप सुबह, दोपहर और शाम में ग्रीन टी पीने का विचार कर सकते हैं। ग्रीन टी की दिन में कितनी मात्रा पीनी चाहिए, यह व्यक्ति की आवश्यकताओं और ध्यान केंद्रित उद्देश्यों पर निर्भर करता है।